।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।अनकहे शब्द।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
बातें कह के भी चुप हो
थोड़ा हस के भी गुम हो ।
अपना मान के देखा तो होता
ना चुप रहने देता न गुम होने देता
थोड़ा ज्यादा होता थोड़ा कम होता
थोड़ा होता या और भी थोड़ा होता
थोड़ा ही सही करके देखा तो होता ।।।।।
बातें भीनी सी है
आँखें सुनी सी है
उन बातों से
इन आँखों से कभी देखा तो होता ।।।।।
कहना तो बहुत चाहता था तुमसे
कभी उस कदर बुलाया तो होता
झुका के पलकें
छुपाना चाहती हो ये आंसू
कभी इन आंसुओं से मिलाया तो होता ।।।।