Tuesday, 14 February 2017

क्यूँ मन है बेक़रार

                         Missing you comes in waves..tonight I am drowning....





क्यूँ नहीं आती मेरी याद
क्यूँ नहीं सताती मेरी बात
क्यूँ नहीं करना चाहती बात
क्युँ नहीं करती पहले जैसे याद
क्यों नही कहती वो बात                       
जिससे सुनने को मैं बेताब
क्या अब नहीं रहा तेरा प्यार
जिसके लिए रहा मैं बेक़रार  ॥

न कम है तेरा प्यार
न कम हैं मेरा प्यार
फिर न जाने ,
क्यूँ मन है बेक़रार
खुद से करता तकरार
और फिर ..
वही इंकार -----  वही इंकार --२
मत जा तू। ...
ऐसे करके इंकार। ..
क्यूँ  मन है बेक़रार ----क्यों मन है बेक़रार ....|||

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