Tuesday, 31 October 2017

Graveyard Shift.......of my Life

                                                      The Lost Title...                                                


1.ये आंसू हर किसी के लिए ऐसे ही नहीं आते जिनसे हम जान से ज्यादा प्यार करते हैं उनके साथ ही जाते हैं।
 



मेरा ये जहां सुना
तेरा वो जहां सुना
क्यों बातें करती फिर से ना
मुझे याद दिलाती हर एक घटना
जिसमें मैं तेरा और तू मेरी चखना
जब आँख खुली टुटा सपना
और क्या देखा मैंने अपना। .......

दो पत्ते यादों के हिलते रहते
रोज सबेरे ढलते रहते
और बस यही कहते "बिखरते"
तेरा ये जहां सुना और मेरा ये जहां सुना .......

No comments: