Sunday, 12 May 2019

Mother- A warmth place of my Life...


                    MAA-- Life Starts and End at a Single Point



चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये

 न कुछ खाये पिए पूरी भरी हो  जाये  |
                             
छुपाने को कुछ नहीं हो
पाने क लिए सारा जहां हो
बस थोड़ी सी कमी
काश वो भी बरी ही जाये |

आस ऐसी रही की ये आखें नमी पण जाये
बाकि तो सब ठीक है |
बस
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||

दिखा दू ये सारा जहां
न कोई कमी हो जाये
बस तू साथ रहे और ये जमीं
जमीं हो जाये |

कहते कहते बुंन्दे छल छल आये...
मनो कब से तरस  रही की
इस बार तो नमी कर जाये |

दुआएं मेरी सारी-- तेरी हो जाये                                                 
बाँट लू तेरा दर्द और गम
बस कमी न रह जाये |

चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||

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