MAA-- Life Starts and End at a Single Point
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये
न कुछ खाये पिए पूरी भरी हो जाये |
छुपाने को कुछ नहीं हो
पाने क लिए सारा जहां हो
बस थोड़ी सी कमी
काश वो भी बरी ही जाये |
आस ऐसी रही की ये आखें नमी पण जाये
बाकि तो सब ठीक है |
बस
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||
दिखा दू ये सारा जहां
न कोई कमी हो जाये
बस तू साथ रहे और ये जमीं
जमीं हो जाये |
कहते कहते बुंन्दे छल छल आये...
मनो कब से तरस रही की
इस बार तो नमी कर जाये |
दुआएं मेरी सारी-- तेरी हो जाये
बाँट लू तेरा दर्द और गम
बस कमी न रह जाये |
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||
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