शोर मचाते सब को जगाते
डाल डाल पे राह बनाते
मीठे स्वर में सबको बुलाते
फूलो के रस से है नहाते
कीड़ों मकोड़ों को यूं चट कर जाते
दूर दूर तक संदेश फैलाते
तिनके से ये घर को सजाते
देख के इनको खुश हो जाते
थोड़ी मेहनत, हाथ बटाते
आसमान में गाते है
मद्धम होते लालिमा में
ये मानो गुम हो जाते है।।।