Wednesday, 30 March 2022

एक पक्षी: प्रकृति प्यारी (Life of a bird) 🐦

एक नए सबेरे उठ के 
शोर मचाते सब को जगाते
डाल डाल पे राह बनाते 
मीठे स्वर में सबको बुलाते 
फूलो के रस से है नहाते
कीड़ों मकोड़ों को यूं चट कर जाते
दूर दूर तक संदेश फैलाते 
तिनके से ये घर को सजाते
देख के इनको खुश हो जाते
थोड़ी मेहनत, हाथ बटाते
आसमान में गाते है 
मद्धम होते लालिमा में 
ये मानो गुम हो जाते है।।।



Monday, 28 March 2022

क्या फायदा।।।

जाते हुए ना सोचा आपने 
अब आके क्यूं सोचते इतना 
दूर थे तो चाहा बहुत 
अब पास आके रोकते इतना
बात वो नहीं शायद जो हमे लगता 
शायद ये भी नही जो तुम्हे लगता 
बात की बातों का क्या फायदा 
चलो छोड़ो, ये बताओ
अब आके क्यूं सोचते इतना ।।

बात बात पे रूठने मनाने वाले 
हाथ पकड़ के राह दिखाने वाले
मद्धम सी गीत सुनाने वाले
मीठा सा एहसास जगाने वाले

शायद अब बात वो नही 
जो चाहा हमने तुमने 
चलो खैर 
अब कुछ तो सीखा हमने ।।।

Wednesday, 23 March 2022

मुद्दातो बाद नींद आई ।।।

बड़े मुद्दतो के बाद नींद आयी
मैखाने की छत आई 
या मां की गोंद सुलाई
जाहिर है दोनो में से कोई तो आई
बड़े मुद्दतो के बाद नींद आई ।।।।।

राह में मेरे वो फिर से शय आई
कभी पीछा करती आई 
तो कभी पीछे से बुलाई 

ना मुड़ने की चाह आई 
एक बार नही बार बार आई
अपनी याद की बहार लाई 
दिन आई रात आई 
लेकिन फिर से वो बात नही आई
ना मुड़ने की चाह आई

बड़े मुद्दतो के बाद नींद आई ।।।।।।।

Friday, 11 March 2022

Again & Again

लाख छुपाना चाहु आ ही जाता है बहाना फिर से
देख के इतरा जाती हो ऐसे मोरनी के पंख हो जैसे
बहुत शिद्दत के बाद मिली हो फिर से
नाराज नहीं होता अब रब से 
कह लो जो कहना चाहती हो फिर से
अब ना जाऊंगा इन बादलों के जैसे ।।

बारिश गिरेगी अब फिर से 
सूखे पत्तो को सहलाती जैसे
उठो चलो अब साथ है फिर से 
पथिक को राह हो जैसे ।।

बातें करते रहते फिर से
चाँद चकोर के जैसे 
अंत तक अंतिम तक फिर से 
आत्मा यमराज के जैसे ।।।।।