Thursday, 28 December 2017

A TRUE DEAD LEAF : "Wallowing"

                         
                               :| THE STORY OF A DEAD LEAF :|
                                                   (Inspired by a song)



मै मरी पड़ी सी पड़ी रही
बस टूटी हुई मै बिखर रही
धीरे धीरे मै मिलती रही
धीरे धीरे मै ढलती रही            
मिट्टी से ही मै आयी थी
मिट्टी में ही मै मिल सी गयी
एक रोज मै बैठी सोच रही
तभी आँख लगी मेरी जैसे
कलकल करती झरझर करती
ऐसे चलती बढ़ती रहती
मै समा गयी उस कलकल में
जिस कलकल से मै डरती थी
कभी निचे जाती कभी ऊपर आती
बस युही ढलती, मिलती रहती
अब सिख लिया कलकल में जीना
अब सिख लिया झरझर में पीना
एहि सोच रहा और तैर रहा
मेरी आँख लगी फिर से जैसे
दम घुटने लगा मै दबता रहा
ढेरो की मिट्टी हो जैसे। .......                         
जब बढ़ता है इस दाब हवा का
ना सह पाता ना रह पाता
फिर भी करता गुणगान हवा का
जो चाहत लिए मै बैठा रहा
उस चाहत का एक भाग हवा का
अब आँख मेरी बस खुल ही रही
तभी उठा पटक के धर ही दिया
मुझे लाके किनारे पटक दिया
जिस मिट्टी में कभी मिलती रही
आज शामिल हु उस मिट्टी  में
जो पैदा करती इस मिट्टी को
हर बार नमन करता इस मिट्टी को
माथे तिलक लगता जिसको। .....

Tuesday, 31 October 2017

Graveyard Shift.......of my Life

                                                      The Lost Title...                                                


1.ये आंसू हर किसी के लिए ऐसे ही नहीं आते जिनसे हम जान से ज्यादा प्यार करते हैं उनके साथ ही जाते हैं।
 



मेरा ये जहां सुना
तेरा वो जहां सुना
क्यों बातें करती फिर से ना
मुझे याद दिलाती हर एक घटना
जिसमें मैं तेरा और तू मेरी चखना
जब आँख खुली टुटा सपना
और क्या देखा मैंने अपना। .......

दो पत्ते यादों के हिलते रहते
रोज सबेरे ढलते रहते
और बस यही कहते "बिखरते"
तेरा ये जहां सुना और मेरा ये जहां सुना .......

Saturday, 1 July 2017

Unrequited Love

Love never closes however we simply change the way for adoring....

तू मत जा कही भी
तू मत जा किसी और के पास
नहीं तो ये साँसे बंद हो जाएँगी
इसी के बाद। .
जी लेने दे इस बार
ना आऊंगा कभी भी बार बार
बस दो लब्ज दे दे मेरे जान को यार
नहीं तो ये आँखें बंद हो जायँगी इस बार
कह ले सौ बार
जो कहना है यार
बस  दे  दे दो लब्ज उधार
जो रहेंगी मेरे जीने की आवाज
मत जा ऐसे यार
बंद हो जाएँगी ये आँखें इस बार
ओ मेर यार
दे दे न दो लब्ज उधार
कह रहा हु बार बार
मत कर ऐसे इंकार
मान जा न मेरे यार
कह दे ना वो लब्ज एक बार
रह लूंगा मै यार
सुन मेरी आगाज बस एक बार
ना कहूंगा हर बार
बस इस बार
फिर न कहूंगा मेरे यार
क्यों नहीं चाहती यार
क्यों भुला दिया उन लम्हो का प्यार
एक बार तो कह दे न यार
जूठा ही सही बस कह दे न एक बार
तेरी एक जूठी उम्मीद ही सही
रहेंगी तो मेरे साथ
इस बार आखिरी बार और सिर्फ इस  बार.....

Monday, 27 February 2017

इस बार उस बार। ..हर बार और बार बार।

                                                              TOKEN OF LOVE
                                                <<<LAST BUT NOT THE LEAST >>>



तेरी आवाज तेरी बात                       
के हम दीवाने है
कुछ बात तो हम में भी है
जिससे आप अनजाने है और
हुए हम बेगाने हैं ।

लवो पे हँसी तेरी है
एहि बात फिर से मेरी है
जिससे आप अनजाने है और
हुए हम बेगाने हैं ।

बात तेरी कुछ ऐसी है
जिसके वजह से हर बार ,
और बार बार
सिर्फ तू मेरी हैं ।                                                    

न मान तू अपना हमें                                                          
न जान तू अपना हमें ,
हम तो बस वही ठहरें है
जहाँ कभी तू ठहरी थी ।

न रोकूंगा कभी तुझे                                      
न सोचूंगा कभी तुझे
बस बार बार और हर बार
मैं मिलूँगा एहि तुझे ।                                  

न आदत है किसी को
ऐसे सताने के,
वो तो तू थी जो
बस बहाने थे ,
तेरे पास आने के ।

तू खुश है तो
गम में हम भी नहीं
तू गुस्सा है लेकिन
नाराज़ हम नहीं ,
बस नम हो जाती है ये पलकें हमारी
जिस वक़्त तेरी चाहत ...,
और तू पास नहीं ।

छड्ड तो तू भी नहीं सकती
छड्ड तो मई भी नहीं सकता
नजाने कैसा प्यार रहा
जो तूने तो छड्ड ही दिया और
मैनु यु तज ही दिया ।

क्या नहीं आयी,
तुझे मेरी बातें याद ;
क्या नहीं सताई मेरी कोई याद ,
उन लम्हों की खातिर ही सही ,
ना करती फिर से इंकार। ....
इस बार उस बार। ..हर बार और बार बार। ...

Tuesday, 14 February 2017

क्यूँ मन है बेक़रार

                         Missing you comes in waves..tonight I am drowning....





क्यूँ नहीं आती मेरी याद
क्यूँ नहीं सताती मेरी बात
क्यूँ नहीं करना चाहती बात
क्युँ नहीं करती पहले जैसे याद
क्यों नही कहती वो बात                       
जिससे सुनने को मैं बेताब
क्या अब नहीं रहा तेरा प्यार
जिसके लिए रहा मैं बेक़रार  ॥

न कम है तेरा प्यार
न कम हैं मेरा प्यार
फिर न जाने ,
क्यूँ मन है बेक़रार
खुद से करता तकरार
और फिर ..
वही इंकार -----  वही इंकार --२
मत जा तू। ...
ऐसे करके इंकार। ..
क्यूँ  मन है बेक़रार ----क्यों मन है बेक़रार ....|||

ना करना अब और ...

                   True love never ends but it might be silent sometimes. ..


ना करना अब और प्यार किसी से
रह जाना अनजान सभी से
ना तोडना अब और रिश्ते किसी से
ना जोड़ना यु रिश्ते सभी से
ना सहना अब और दर्द किसी से
ना कहना यु दर्द सभी से
ना पिरोना अब और सपने किसी से
ना बिखेरना यु सपने सभी से
ना होना अब तनहा किसी से
रह जाना यु अनजान सभी से
  ||

Tuesday, 24 January 2017

क्यों बेगाना सा करती हों

तेरे लिए बैठें है अपना मुख मोड़ के
तेरे लिए बैठे है सबसे नाता तोड़ के
क्या हुई खता ऐसी मुझसे
तुम रूठ गए खुदसे जैसे
गलती तो होती रहती है
क्यों तोड़ती हो इन रिश्तों को                              
कोई कमी बताके तुम मुझमें
न जाने
क्यों बेगाना सा करती हों
जब आँसू तेरे आते थे
तब आँसू मेरे  गिरते थे
न रोने दिया कभी तन्हा तुझे
फिर भी , न जाने क्यों
कोई कमी बताके यूँ
बेगाना सा करते हों ।
कुछ कमी तो सबमे रहती हैं
इन अपनो में उन् गैरों में
रिश्तों को छोङा जाता नहीं
इन्हें प्यार से पकड़े रहते है
फिर भी , कोई कमी बताके क्यों 
यु बेगाना सा करती हो |