Friday, 15 April 2022

हमसफर

सफर में है हमसफर देखते 
हमसफर में कभी कभी सफर हो जाते
भागते  दौड़ते ये पेड़ पौधे 
सहमते चहकते पक्षी बोलते
आवाज देते जरा ठहरते 
सफर में है हमसफर देखते ।।।।।

ओस की बूंद जमीं में मिलते 
नमी करते धारा में बहते 
अटखेलियां करते 
प्यासे की प्यास बुझाते 
सफर में है हमसफर देखते ।।।।।



Wednesday, 30 March 2022

एक पक्षी: प्रकृति प्यारी (Life of a bird) 🐦

एक नए सबेरे उठ के 
शोर मचाते सब को जगाते
डाल डाल पे राह बनाते 
मीठे स्वर में सबको बुलाते 
फूलो के रस से है नहाते
कीड़ों मकोड़ों को यूं चट कर जाते
दूर दूर तक संदेश फैलाते 
तिनके से ये घर को सजाते
देख के इनको खुश हो जाते
थोड़ी मेहनत, हाथ बटाते
आसमान में गाते है 
मद्धम होते लालिमा में 
ये मानो गुम हो जाते है।।।



Monday, 28 March 2022

क्या फायदा।।।

जाते हुए ना सोचा आपने 
अब आके क्यूं सोचते इतना 
दूर थे तो चाहा बहुत 
अब पास आके रोकते इतना
बात वो नहीं शायद जो हमे लगता 
शायद ये भी नही जो तुम्हे लगता 
बात की बातों का क्या फायदा 
चलो छोड़ो, ये बताओ
अब आके क्यूं सोचते इतना ।।

बात बात पे रूठने मनाने वाले 
हाथ पकड़ के राह दिखाने वाले
मद्धम सी गीत सुनाने वाले
मीठा सा एहसास जगाने वाले

शायद अब बात वो नही 
जो चाहा हमने तुमने 
चलो खैर 
अब कुछ तो सीखा हमने ।।।

Wednesday, 23 March 2022

मुद्दातो बाद नींद आई ।।।

बड़े मुद्दतो के बाद नींद आयी
मैखाने की छत आई 
या मां की गोंद सुलाई
जाहिर है दोनो में से कोई तो आई
बड़े मुद्दतो के बाद नींद आई ।।।।।

राह में मेरे वो फिर से शय आई
कभी पीछा करती आई 
तो कभी पीछे से बुलाई 

ना मुड़ने की चाह आई 
एक बार नही बार बार आई
अपनी याद की बहार लाई 
दिन आई रात आई 
लेकिन फिर से वो बात नही आई
ना मुड़ने की चाह आई

बड़े मुद्दतो के बाद नींद आई ।।।।।।।

Friday, 11 March 2022

Again & Again

लाख छुपाना चाहु आ ही जाता है बहाना फिर से
देख के इतरा जाती हो ऐसे मोरनी के पंख हो जैसे
बहुत शिद्दत के बाद मिली हो फिर से
नाराज नहीं होता अब रब से 
कह लो जो कहना चाहती हो फिर से
अब ना जाऊंगा इन बादलों के जैसे ।।

बारिश गिरेगी अब फिर से 
सूखे पत्तो को सहलाती जैसे
उठो चलो अब साथ है फिर से 
पथिक को राह हो जैसे ।।

बातें करते रहते फिर से
चाँद चकोर के जैसे 
अंत तक अंतिम तक फिर से 
आत्मा यमराज के जैसे ।।।।।



Monday, 28 February 2022

Redolence of Love : Untold Story

।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।अनकहे शब्द।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

बातें कह के भी चुप हो 
थोड़ा हस के भी गुम हो ।

अपना मान के देखा तो होता 
ना चुप रहने देता न गुम होने देता 
थोड़ा ज्यादा होता थोड़ा कम होता
थोड़ा होता या और भी थोड़ा होता 
थोड़ा ही सही करके देखा तो होता ।।।।।

बातें भीनी सी है 
आँखें सुनी सी है
उन बातों से 
इन आँखों से कभी देखा तो होता ।।।।।

कहना तो बहुत चाहता था तुमसे
कभी उस कदर बुलाया तो होता
झुका के पलकें 
छुपाना चाहती हो ये आंसू
कभी इन आंसुओं से मिलाया तो होता ।।।।









Saturday, 19 February 2022

Wake Up & Chase

Goddamn 
Go to Hell
Please yell yell
A little Louder
A little Prouder
You, Jump out of the bed
Roar like a Plane
Show your Aim
Why don't you wake up .....bloody Hell.....


Monday, 17 January 2022

।।।।।।।।।तुम आए तो क्या आए हम गए तो क्या गए।।।।।।।।।।।।।।।।

तुम आए तो क्या आए हम गए तो क्या गए

कह के जाते बिना कहे रह जाते
छू  के बता जाते बिना छुए रह जाते 
बिना बताए दर्द दे जाते 
या फिर दर्द के बिना रह जाते 
उठ के रो जाते बिना रोए रह जाते।।।।

कहना तो शायद अब कुछ भी नही
कुछ कह पाते तो रह जाते।।।।

ना कह पाए तो रह जाते 
शायद वो आवाज बन के आते
हम लड़के है शाहब बस युही सह जाते ।।।।।


।।।।।तुम आए तो क्या आए हम गए तो क्या गए।।।।।


Sunday, 19 January 2020

जाहिर करना जरुरी है क्या ||

|| जाहिर करना जरुरी है क्या ||


दूर जाते कभी बढ़ते चलते 
कभी थकते कभी रुकते 
कभी होठो पे आये 
कभी लम्हा बनके गुजर जाये 
एक आवाज बस युहीं कहते जाये 

||||||||||||||||||||जाहिर करना जरुरी है क्या |||||||||||||||

कह के कह न पाये 
दूर जाके पास आ जाये 
कभी रोके कभी सोके 
कभी कह जाये तो कभी चुप रह जाये  
बस एक आवाज बार बार आये 

||||||||||||||||||||जाहिर करना जरुरी है क्या |||||||||||||||

डरते कहते तो कभी कहते डरते 
बस जो भी हो वो कहते रहते 
कोई रूठता तो कोई मनाता रहता 
ना जाने कौन सा एहसास 
कब किसी को छू जाता 
रोकता पकड़ता उन लम्हो को 
जिनकी वजह से सिर्फ एक ही ख्याल बार बार आता 

||||||||||||||||||||जाहिर करना जरुरी है क्या |||||||||||||||

समंदर में कूद कर 
लोगो को तैरते देखा 
हमारा तालाब ही कभी कभी 
समंदर सा लगने लगता है 
नमकीन सा एहसास देके 
जाने वाली ये हवाएं 
हिलोर कर बिखेर देने वाली ये फिजाये 
भी अब यही पूछा करती। ... 

||||||||||||||||||||जाहिर करना जरुरी है क्या |||||||||||||||





Sunday, 12 May 2019

Mother- A warmth place of my Life...


                    MAA-- Life Starts and End at a Single Point



चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये

 न कुछ खाये पिए पूरी भरी हो  जाये  |
                             
छुपाने को कुछ नहीं हो
पाने क लिए सारा जहां हो
बस थोड़ी सी कमी
काश वो भी बरी ही जाये |

आस ऐसी रही की ये आखें नमी पण जाये
बाकि तो सब ठीक है |
बस
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||

दिखा दू ये सारा जहां
न कोई कमी हो जाये
बस तू साथ रहे और ये जमीं
जमीं हो जाये |

कहते कहते बुंन्दे छल छल आये...
मनो कब से तरस  रही की
इस बार तो नमी कर जाये |

दुआएं मेरी सारी-- तेरी हो जाये                                                 
बाँट लू तेरा दर्द और गम
बस कमी न रह जाये |

चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||
चाहत ऐसी की छोटी छोटी आशाएं बड़ी हो जाये ||